लॉकडाउन: पांच दिन में साइकिल से 800 किलोमीटर तय कर हरियाणा से भटनी पहुंचा युवक
मैं अकेला ही चला था जानिब ए मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया। मजरुह सुल्तान पुरी की इन लाईनों को चरितार्थ करता हुआ एक युवक हरियाणा से अकेले साईकिल से गांव के निकल पड़ा और घर को लौट रहे कारवां के साथ वह पांच दिनों में घर पहुंच गया। हालांकि घर आने के बाद वह घर से बाहर नहीं निकल रहा है।
जिगिना मिश्र निवासी विकास कुमार हरियाणा के धारुहेड़ा में हीरो कम्पनी में काम करता है। लाक डॉउन होने के कारण कम्पनी से उसे वेतन नहीं मिला तथा मकान मालिक किराए के परेशान करने लगा। विकास धारुहेड़ा में एक साईकिल से कम्पनी आता जाता था। वह 24 मार्च को साईकिल लेकर गांव के निकल पड़ा। अकेले सफर में निकले विकास को रास्ते में कुछ और साईकिल सवार मिले जो गोरखपुर देवरिया के लिए निकले थे।
विकास ने बताया कि हाईवे पर पैदल और साईकिल से घर आने वालों की लम्बी कतार थी। रास्ते में वह रात को लोगों की हुजूम के साथ सड़क के किनारे ही सो जाता था। सुबह होते ही वह राह मिले साथियों के साथ सफर में चलना शुरू कर देता था। करीब एक हजार किलोमीटर का सफर उसने पांच दिन में पूरा किया। गौरीबाजार आने के बाद वहां उसकी थर्मल स्क्रिनिंग की गयी। रविवार की रात घर पहुंचते ही परिवार के सदस्यों ने विकास को नहलाकर घर में प्रवेश कराया।
पिता तेजू के अनुसार साईकिल से घर आने की बात सुन पूरा परिवार परेशान था। विकास के घर पहुंचते ही परिवारीजनों ने राहत की सांस ली। विकास ने बताया कि वह परिवार में भी अकेला रहने का प्रयास कर रहा है। रास्ते उसने खिचड़ी और बिस्किट खाकर उसने पांच दिन का सफर पूरा किया है। विकास के सकुशल घर लौट आने पर पूरा परिवार खुश है।